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बाबा साहब का 44 वाँ उर्स शरीफ 31 मई को, तैयारियां जोरों पर

   Written by Prem Prakash Agarwal (2023-05-22 )
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झांसी। कौमी एकता के महान सूफी संत हजरत कुतबुल आफताब सैय्यद ऐवज अली शाह रहमतुल्लाह अलेह स्टेशन वाले सैयद बाबा की पुण्यतिथि पर 31 मई को चित्र चौराहा स्थित बाबा धाम पर 44 उर्स शरीफ का आयोजन बाबा साहब की यादगार में सबका मालिक एक है चिल्ले पर बड़े शान-शौकत के साथ भव्य रूप से मनाया जाएगा। 44वें उर्स षरीफ के मौके पर संदल (चादर) बाबा धाम से 7.00 बजे बबीना मजार जाएगी तथा बाबा धाम पर बाबा के कदमपोसी में रज्जाक जानी कव्वाल पार्टी अपने नागपुर के साजिन्दों के साथ शाम 7.30 बजे से 12.30 बजे तक कलाम पेश कर कव्वाली प्रोग्राम पेष करेंगे। इस मुबारक मौके पर उर्स कमेटी द्वारा जर्दे और मटर पुलाव की डेंगे तबर्रुक के रूप में वितरित की जाएंगी। उक्त जानकारी कार्यक्रम संयोजक एवं बाबा धाम के लंगर प्रबंधक पूर्व पार्षद आर. एस. यादव ने देते हुए बताया कि बाबा धाम पर 1994 से लंगर प्रारंभ होकर निरंतर चला आ रहा है और बाबा साहब के रहमों करम से सैकडों की तादाद में राजा, रंक, फकीर सभी लंगर चखत्ते आ रहे हैं। लाखों मुरीद हिंदू-मुस्लिम एकता की सबसे बड़ी मिसाल ‘‘सबका मालिक एक’’ पर आकर श्रृद्धा भाव से अपनी मन्नतें मांगते हैं। बाबा साहब के करम से सबकी खाली झोलियाँ लिया मुरादों से भरकर ले जाते हैं। उन्होंने कहा कि बाबा को देखे नहीं देखा, झोली भरी देखी। आदमियत जात है, मजहब का सब इंसान है। काशी जाओ, चाहे काबा मकसद तो एक है। रास्ते जुदा-जुदा सही मंजिल तो एक है।