
12 वें विश्व हिन्दी सम्मेलन में भाग लेने हेतु पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ रवींद्र शुक्ल जी (अंतराष्ट्रीय अध्यक्ष हिंदी साहित्य भारती) को चुना गया
झांसी से 12 वें विश्व हिन्दी सम्मेलन में भाग लेने हेतु, भारत सरकार के प्रतिनिधि मण्डल के सदस्य के रूप में फिजी जाने के लिए पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ रवींद्र शुक्ल जी (अंतराष्ट्रीय अध्यक्ष हिंदी साहित्य भारती) को चुना गया था। हिंदी साहित्य भारती के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मंत्री डॉ रवींद्र शुक्ल जी फिजी में आयोजित होने वाले विश्व हिंदी सम्मेलन में प्रतिभाग हेतु रवाना हो गए हैं। फिजी में श्री रवींद्र शुक्ल जी साहित्य जगत का प्रतिनिधित्व करते हुए एक सत्र में विश्व व्यापार में हिंदी की उपयोगिता के संदर्भ में अपना वक्तव्य देंगे। ज्ञातव्य है कि इससे पूर्व रवींद्र शुक्ल जी ने उत्तर प्रदेश में हिंदी साहित्य भारती संस्था की स्थापना की एवं देश एवं विदेश में कार्यकारिणी गठित की। डॉ रवींद्र शुक्ल जी ने कोरोना के समय हिंदी साहित्य भारती के माध्यम से पूरे देश और विदेश में हिंदी के उपयोगिता के साथ साथ उसकी आज के परिपेक्ष्य में भारत की संस्कृति को बचाने के लिए कितनी आवश्यकता है ये बताया जिस कारण से फिजी में संपन्न हो रहे 12वें अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में भी उन्हें वक्तव्य हेतु निमंत्रण दिया गया है। आमंत्रित प्रतिनिधि मंडल में विदेश मंत्री एस जयशंकर जी के साथ साथ, अनेक वरिष्ठ हिंदी सेवी साहित्यकार,कुलपति, संस्कृति एवं विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी आदि सम्मिलित हुए हैं। उत्तर प्रदेश के लिए यह गौरव का विषय है कि डॉ रवींद्र शुक्ल जी को बुंदेलखंड की मिट्टी की सुगंध बिखेरने हेतु सुदूर सात समुद्र पार फिजी के साहित्य मंचों को भी सुशोभित करने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ।